Infrastructure Development Plans: तेजी से होगा विकास, देश के Infrastructure को मिलेगी नयी ऊँचाई

Infrastructure Development Plans तेजी से होगा विकास, देश के Infrastructure को मिलेगी नयी ऊँचाई
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Infrastructure Development Plans: Modi 3.0 का बजट अपने साथ लाया है ढेर सारी संभावनाएं। निर्मला सीतारमण की तरफ से बजट 2025 पेश कर दिया गया है, जिसमें सरकार का “Viksit Bharat Vision” स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए निर्मला सीतारमण की तरफ से कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। आइए जानें कैसे होगा आने वाला बुनियादी ढांचा विकास?

Manufacturing Sectors पर रहेगा फोकस

अपने Budget Speech के दौरान Sitharaman ने Make in India का जिक्र किया। उन्होंने बोला कि राष्ट्रीय कार्य योजना को Toy Sectors की Growth के लिए शुरू किया जायेगा।  साथ ही भारत के खिलौने व्यापार को ग्लोबल लेवल पर पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा MSME सेक्टर और माइक्रो बिजनेस को आगे बढ़ने का रोड मैप भी बजट 2025 के भाषण के दौरान पेश किया गया।

Budget 2025 Infrastructure Projects

सरकार का मुख्य फोकस है इंफ्रास्ट्रक्चर की डेवलपमेंट पर इसलिए बजट 2025 के दौरान इस बात की घोषणा भी की गई की राज्यों को बिना ब्याज के लोन मिलने की सीमा को बढ़ा दिया जाएगा और अब ये दायरा 1.5 लाख करोड़ का हो गया है। इसके साथ ही सरकार प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर डेवलपमेंट पर काम करेगी। राज्यों को बिना ब्याज के लोन की समय सीमा है 50 साल।

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शहरी विकास के लिए उठाया गया बड़ा कदम

सरकार की तरफ से शहरों के विकास के लिए एक लाख करोड़ का “Urban Challenge Fund” शुरू किया गया है, जो शहरों को स्मार्ट बनने के लिए Use होगा। इस फंड की मदद से शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा और ग्रोथ हब बढ़ेगा। 

कैपिटल एक्सपेंडीचर का बजट हुआ कम

Budget 2025 पेश करते समय जैसे ही कैपिटल एक्सपेंडीचर की बारी आई तो शेयर बाजार थोड़ा सुस्त पड़ गया। क्योंकि इस क्षेत्र का बजट बहुत ही कम रखा गया है इसलिए इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े स्टॉक में भी गिरावट देखने को मिली। 2024-25 के वित्त वर्ष में कैपिटल एक्सपेंडीचर मदद के लिए सरकार की तरफ से 11.01 लाख करोड रुपए का आवंटन किया गया था लेकिन आचार संहिता के चलते दी गई रकम पूरी तरह से खर्च नहीं हो पाई जिस वजह कैपिटल एक्सपेंडीचर का बजट कम रख गया है। इस बार सरकार का फोकस था खपत और डिमांड बढ़ाना जिस कारण ऐसा किया गया है।

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